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Guru Nanak Jayanti 2023: गुरुपर्व की इतिहास और महत्व ,अनुष्ठान – इस दिन के बारे में आपको जो कुछ पता होना चाहिए

Guru Nanak Jayanti 2023: गुरुपर्व की इतिहास

Guru Nanak Dev  जी का जन्म 1469 में तलवंडी गाँव में हुआ था, जिसे अब वर्तमान पाकिस्तान में ननकाना साहिब के नाम से जाना जाता है  एक किसान के घर जन्मे नानक के मस्तक पर शुरू से ही तेज आभा थी। ।उन्हें सिख धर्म की स्थापना और ज्ञान फैलाने के लिए सम्मानित किया जाता है। यह त्यौहार उनकी विरासत, योगदान और जीवन का स्मरण कराता है।वह एक आध्यात्मिक नेता और सुधारक थे जिन्होंने दूसरों को समानता, करुणा और सेवा का महत्व सिखाया। 2023 इस साल गुरु नानक देव जी की 554वीं जयंती है । 

उन्हें सिख धर्म का संस्थापक माना जाता है, जो एक एकेश्वरवादी धर्म है जो भगवान के साथ व्यक्तिगत संबंध के महत्व पर जोर देता है।पवित्र त्योहार उत्साहपूर्ण भक्ति, आध्यात्मिक समारोहों और सिख धर्म की पवित्र पुस्तक गुरु ग्रंथ साहिब के भजनों के पाठ के साथ मनाया जाता है। सिख त्योहार दुनिया भर के सिखों द्वारा बहुत ही  प्रेम और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।

Guru Nanak Dev Jayanti 2023: गुरुपर्व की  महत्व

Happy Guru Nanak Jayanti 2023: गुरु नानक जयंती जिसे गुरुपर्व के नाम से भी जाना जाता है, एक सिख त्योहार है जो सिख धर्म के पहले गुरु, गुरु नानक के जन्म का जश्न मनाता है। यह सिख धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है और दुनिया भर के सिखों द्वारा मनाया जाता है।                                                                                                                                            गुरु नानक देवजी ने जात−पांत को समाप्त करने और सभी को समान दृष्टि से देखने की दिशा में कदम उठाते हुए ‘लंगर’ की प्रथा शुरू की थी। लंगर में सब छोटे−बड़े, अमीर−गरीब एक ही पंक्ति में बैठकर भोजन करते हैं। आज भी गुरुद्वारों में उसी लंगर की व्यवस्था चल रही है, जहां हर समय हर किसी को भोजन उपलब्ध होता है। इस में सेवा और भक्ति का भाव मुख्य होता है।सिखों के पहले गुरु न केवल भारत और एशिया के लगभग सभी तीर्थ स्थानों पर गए |                                                                             

Guru Nanak Jayanti 2023: गुरुपर्व की अनुष्ठान                                                                                                                                      

गुरु नानक देव बचपन से ही ईश्वर के प्रति समर्पित थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन समानता और सेवा भाव  को बढ़ावा देने में बिताया।उनकी सभी  शिक्षाओं ने मानवता के लिए निस्वार्थ सेवा भाव का संदेश फैलाया।गुरु ग्रंथ साहिब के प्राथमिक छंद इस तथ्य पर आधारित हैं कि ब्रह्मांड का निर्माता एक  ही है।सिखों के पहले गुरु न केवल भारत और एशिया के लगभग सभी तीर्थ स्थानों पर गए |गुरु नानक जयंती के दिन, सिख धर्म के अनुयायी सिख पवित्र ग्रंथ, गुरु ग्रंथ साहिब का अखंड पाठ  करते हैं।हर साल Guru Nanak Jayanti  कार्तिक महीने की पूर्णिमा  को मनाई जाती है, जिसे कार्तिक पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।त्योहार से दो दिन पहले,  सुबह प्रभात फेरी (सुबह की जुलूस) का आयोजन किया जाता है जिसमें भक्त भजन गाते हुए और सभी इलाकों की यात्रा करते हैं।

उन्होंने अपने अनुयायियों को जीवन की दस शिक्षाएं दीं जो इस प्रकार हैं−                                                                   

  1. ईश्वर एक है।
  2. सदैव एक ही ईश्वर की पूजा करो।
  3. ईश्वर सब जगह और प्रकृति में विद्यमान है।
  4. ईश्वर की भक्ति करने वालों को किसी का भय नहीं रहता।
  5. विश्वसनीयता से और मेहनत कर के उदर सांस्कृतिक कार्य करना चाहिए।
  6. बुरे काम करने के बारे में न तो रॉकेट और न किसी को साथ।
  7. हमेशा आकर्षक रहना चाहिए। ईश्वर से सदा के लिए क्षमा माँगनी चाहिए।
  8. मेहनत और ईमानदारी की कमाई में से मंदी को भी कुछ देना चाहिए।
  9. सभी स्त्री और पुरुष समान हैं।
  10. भोजन शरीर को जिंदा रखने के लिए लोभ-लालच और संग्रह की प्राप्ति बुरी है।

 

 

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